Jain Darshan Dictionary : ऊ

–ऊ–

ऊर्ध्वलोक – समूचा लोक तीन भागो में विभक्त है। लोक का ऊपरी भाग ऊर्ध्वलोक कहलाता है। इसका आकार मृदंग अर्थात्‌ढ़ोलक के समान है और ऊँचाई सात राजू है। यहाँ वैमानिक देवों का निवास है। सोलह स्वर्ग, नौ ग्रैवेयक, नौ अनुदिश और पाँच अनुत्तर-विमान – ये सभी ऊर्ध्वलोक में क्रमशः ऊपर ऊपर स्थित है।

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